Original

स संगृह्य स्वयं वाहान्कृष्णौ प्राच्छादयच्छरैः ।तत्राद्भुतमपश्याम द्रौणेराशु पराक्रमम् ॥ १७ ॥

Segmented

स संगृह्य स्वयम् वाहान् कृष्णौ प्राच्छादयत् शरैः तत्र अद्भुतम् अपश्याम द्रौणेः आशु पराक्रमम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
संगृह्य संग्रह् pos=vi
स्वयम् स्वयम् pos=i
वाहान् वाह pos=n,g=m,c=2,n=p
कृष्णौ कृष्ण pos=n,g=m,c=2,n=d
प्राच्छादयत् प्रच्छादय् pos=v,p=3,n=s,l=lan
शरैः शर pos=n,g=m,c=3,n=p
तत्र तत्र pos=i
अद्भुतम् अद्भुत pos=a,g=n,c=2,n=s
अपश्याम पश् pos=v,p=1,n=p,l=lan
द्रौणेः द्रौणि pos=n,g=m,c=6,n=s
आशु आशु pos=i
पराक्रमम् पराक्रम pos=n,g=m,c=2,n=s