Original

तं विसंज्ञं महाराज किरीटिभयपीडितम् ।अपोवाह रणात्सूतो रक्षमाणो धनंजयात् ॥ १२७ ॥

Segmented

तम् विसंज्ञम् महा-राज किरीटिन्-भय-पीडितम् अपोवाह रणात् सूतो रक्षमाणो धनंजयात्

Analysis

Word Lemma Parse
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
विसंज्ञम् विसंज्ञ pos=a,g=m,c=2,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
राज राज pos=n,g=m,c=8,n=s
किरीटिन् किरीटिन् pos=n,comp=y
भय भय pos=n,comp=y
पीडितम् पीडय् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
अपोवाह अपवह् pos=v,p=3,n=s,l=lit
रणात् रण pos=n,g=m,c=5,n=s
सूतो सूत pos=n,g=m,c=1,n=s
रक्षमाणो रक्ष् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
धनंजयात् धनंजय pos=n,g=m,c=5,n=s