महाभारतम् — 8.12.65
Original
Segmented
संधाय नाराच-वरान् दश आशु द्रौणिस् त्वरन्न् एकम् इव उत्ससर्ज तेषाम् च पञ्चा अर्जुनम् अभ्यविध्यन् पञ्च अच्युतम् निर्बिभिदुः सु मुक्तवन्तः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संधाय | संधा | pos=vi |
नाराच | नाराच | pos=n,comp=y |
वरान् | वर | pos=a,g=m,c=2,n=p |
दश | दशन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आशु | आशु | pos=i |
द्रौणिस् | द्रौणि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वरन्न् | त्वर् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
एकम् | एक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
उत्ससर्ज | उत्सृज् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
पञ्चा | पञ्चन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अर्जुनम् | अर्जुन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अभ्यविध्यन् | अभिव्यध् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
पञ्च | पञ्चन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
अच्युतम् | अच्युत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निर्बिभिदुः | निर्भिद् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
सु | सु | pos=i |
मुक्तवन्तः | मुच् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |