महाभारतम् — 8.12.44
Original
Segmented
पुनः द्रौणि-महा-शैलम् नाराचैः सूर्य-संनिभैः निर्बिभेद महा-वेगैः त्वरन् वज्री इव पर्वतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पुनः | पुनर् | pos=i |
द्रौणि | द्रौणि | pos=n,comp=y |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
शैलम् | शैल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
नाराचैः | नाराच | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सूर्य | सूर्य | pos=n,comp=y |
संनिभैः | संनिभ | pos=a,g=m,c=3,n=p |
निर्बिभेद | निर्भिद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
वेगैः | वेग | pos=n,g=m,c=3,n=p |
त्वरन् | त्वर् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वज्री | वज्रिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
पर्वतम् | पर्वत | pos=n,g=m,c=2,n=s |