महाभारतम् — 7.9.73
Original
Segmented
यस्य दिव्यानि कर्माणि प्रवदन्ति मनीषिणः तानि अहम् कीर्तयिष्यामि भक्त्या स्थैर्य-अर्थम् आत्मनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
दिव्यानि | दिव्य | pos=a,g=n,c=2,n=p |
कर्माणि | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
प्रवदन्ति | प्रवद् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
मनीषिणः | मनीषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
तानि | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
कीर्तयिष्यामि | कीर्तय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
भक्त्या | भक्ति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
स्थैर्य | स्थैर्य | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आत्मनः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |