महाभारतम् — 7.9.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच एवम् पृष्ट्वा सूतपुत्रम् हृद्-शोकेन अर्दितः भृशम् जये निराशः पुत्राणाम् धृतराष्ट्रो ऽपतत् क्षितौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एवम् | एवम् | pos=i |
पृष्ट्वा | प्रच्छ् | pos=vi |
सूतपुत्रम् | सूतपुत्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
हृद् | हृद् | pos=n,comp=y |
शोकेन | शोक | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अर्दितः | अर्दय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
जये | जय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
निराशः | निराश | pos=a,g=m,c=1,n=s |
पुत्राणाम् | पुत्र | pos=n,g=m,c=6,n=p |
धृतराष्ट्रो | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपतत् | पत् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
क्षितौ | क्षिति | pos=n,g=f,c=7,n=s |