Original

प्रविश्यैव तु राजेन्द्र क्षत्रियेन्द्रान्तकोपमः ।सत्यश्रवसमादत्त व्याघ्रो मृगमिवोल्बणम् ॥ ३ ॥

Segmented

प्रविश्य एव तु राज-इन्द्र क्षत्रिय-इन्द्र-अन्तक-उपमः सत्यश्रवसम् आदत्त व्याघ्रो मृगम् इव उल्बणम्

Analysis

Word Lemma Parse
प्रविश्य प्रविश् pos=vi
एव एव pos=i
तु तु pos=i
राज राजन् pos=n,comp=y
इन्द्र इन्द्र pos=n,g=m,c=8,n=s
क्षत्रिय क्षत्रिय pos=n,comp=y
इन्द्र इन्द्र pos=n,comp=y
अन्तक अन्तक pos=n,comp=y
उपमः उपम pos=a,g=m,c=1,n=s
सत्यश्रवसम् सत्यश्रवस् pos=n,g=m,c=2,n=s
आदत्त आदा pos=v,p=3,n=s,l=lan
व्याघ्रो व्याघ्र pos=n,g=m,c=1,n=s
मृगम् मृग pos=n,g=m,c=2,n=s
इव इव pos=i
उल्बणम् उल्बण pos=a,g=m,c=2,n=s