Original

द्रोणस्तु पाण्डवानीके चकार कदनं महत् ।यथा दैत्यगणे विष्णुः सुरासुरनमस्कृतः ॥ ३० ॥

Segmented

द्रोणः तु पाण्डव-अनीके चकार कदनम् महत् यथा दैत्य-गणे विष्णुः सुर-असुर-नमस्कृतः

Analysis

Word Lemma Parse
द्रोणः द्रोण pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
पाण्डव पाण्डव pos=n,comp=y
अनीके अनीक pos=n,g=n,c=7,n=s
चकार कृ pos=v,p=3,n=s,l=lit
कदनम् कदन pos=n,g=n,c=2,n=s
महत् महत् pos=a,g=n,c=2,n=s
यथा यथा pos=i
दैत्य दैत्य pos=n,comp=y
गणे गण pos=n,g=m,c=7,n=s
विष्णुः विष्णु pos=n,g=m,c=1,n=s
सुर सुर pos=n,comp=y
असुर असुर pos=n,comp=y
नमस्कृतः नमस्कृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part