महाभारतम् — 7.170.6
Original
Segmented
तस्मात् संपश्यतः तस्य द्रावयिष्यामि वाहिनीम् विद्राव्य सत्यम् हन्तास्मि पापम् पाञ्चाल्यम् एव तु
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| संपश्यतः | संपश् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| द्रावयिष्यामि | द्रावय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| वाहिनीम् | वाहिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| विद्राव्य | विद्रावय् | pos=vi |
| सत्यम् | सत्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| हन्तास्मि | हन् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| पापम् | पाप | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| पाञ्चाल्यम् | पाञ्चाल्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| तु | तु | pos=i |