Original

क्षमा प्रशस्यते लोके न तु पापोऽर्हति क्षमाम् ।क्षमावन्तं हि पापात्मा जितोऽयमिति मन्यते ॥ २२ ॥

Segmented

क्षमा प्रशस्यते लोके न तु पापो ऽर्हति क्षमाम् क्षमावन्तम् हि पाप-आत्मा जितो ऽयम् इति मन्यते

Analysis

Word Lemma Parse
क्षमा क्षमा pos=n,g=f,c=1,n=s
प्रशस्यते प्रशंस् pos=v,p=3,n=s,l=lat
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
pos=i
तु तु pos=i
पापो पाप pos=a,g=m,c=1,n=s
ऽर्हति अर्ह् pos=v,p=3,n=s,l=lat
क्षमाम् क्षमा pos=n,g=f,c=2,n=s
क्षमावन्तम् क्षमावत् pos=a,g=m,c=2,n=s
हि हि pos=i
पाप पाप pos=a,comp=y
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
जितो जि pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽयम् इदम् pos=n,g=m,c=1,n=s
इति इति pos=i
मन्यते मन् pos=v,p=3,n=s,l=lat