महाभारतम् — 7.169.22
Original
Segmented
क्षमा प्रशस्यते लोके न तु पापो ऽर्हति क्षमाम् क्षमावन्तम् हि पाप-आत्मा जितो ऽयम् इति मन्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
क्षमा | क्षमा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्रशस्यते | प्रशंस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
तु | तु | pos=i |
पापो | पाप | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽर्हति | अर्ह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
क्षमाम् | क्षमा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
क्षमावन्तम् | क्षमावत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
पाप | पाप | pos=a,comp=y |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जितो | जि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
मन्यते | मन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |