महाभारतम् — 7.169.18
Original
Segmented
पाञ्चालाः चलिताः धर्मात् क्षुद्रा मित्र-गुरु-द्रुहः त्वाम् प्राप्य सह सोदर्यम् धिक्कृतम् सर्व-साधुभिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पाञ्चालाः | पाञ्चाल | pos=n,g=m,c=1,n=p |
चलिताः | चल् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
धर्मात् | धर्म | pos=n,g=m,c=5,n=s |
क्षुद्रा | क्षुद्र | pos=a,g=m,c=1,n=p |
मित्र | मित्र | pos=n,comp=y |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
द्रुहः | द्रुह् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
सह | सह | pos=i |
सोदर्यम् | सोदर्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
धिक्कृतम् | धिक्कृत | pos=a,g=m,c=2,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
साधुभिः | साधु | pos=a,g=m,c=3,n=p |