महाभारतम् — 7.165.38
Original
Segmented
हाहाकारम् भृशम् चक्रुः अहो धिग् इति च ब्रुवन् द्रोणो ऽपि शस्त्राणि उत्सृज्य परमम् साम्यम् आस्थितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हाहाकारम् | हाहाकार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
चक्रुः | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
अहो | अहो | pos=i |
धिग् | धिक् | pos=i |
इति | इति | pos=i |
च | च | pos=i |
ब्रुवन् | ब्रू | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
द्रोणो | द्रोण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
शस्त्राणि | शस्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
उत्सृज्य | उत्सृज् | pos=vi |
परमम् | परम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
साम्यम् | साम्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आस्थितः | आस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |