महाभारतम् — 7.165.1
Original
Segmented
संजय उवाच क्रूरम् आयोधनम् जज्ञे तस्मिन् राज-समागमे रुद्रस्य इव हि क्रुद्धस्य निघ्नतः तु पशून् यथा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
क्रूरम् | क्रूर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
आयोधनम् | आयोधन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
जज्ञे | जन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
समागमे | समागम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
रुद्रस्य | रुद्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
इव | इव | pos=i |
हि | हि | pos=i |
क्रुद्धस्य | क्रुध् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
निघ्नतः | निहन् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
पशून् | पशु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
यथा | यथा | pos=i |