महाभारतम् — 7.156.7
Original
Segmented
एकैको हि पृथक् तेषाम् समस्ताम् सुर-वाहिनीम् योधयेत् समरे पार्थ लोकपाल-अभिरक्षिताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एकैको | एकैक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
पृथक् | पृथक् | pos=i |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
समस्ताम् | समस्त | pos=a,g=f,c=2,n=s |
सुर | सुर | pos=n,comp=y |
वाहिनीम् | वाहिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
योधयेत् | योधय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
लोकपाल | लोकपाल | pos=n,comp=y |
अभिरक्षिताम् | अभिरक्ष् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |