महाभारतम् — 7.128.12
Original
Segmented
सैन्धवस्य वधेन एव भृशम् दुःख-समन्वितः मर्तव्यम् इति संचिन्त्य प्राविशत् तु द्विषत्-बलम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सैन्धवस्य | सैन्धव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वधेन | वध | pos=n,g=m,c=3,n=s |
एव | एव | pos=i |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
समन्वितः | समन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
मर्तव्यम् | मृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
इति | इति | pos=i |
संचिन्त्य | संचिन्तय् | pos=vi |
प्राविशत् | प्रविश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तु | तु | pos=i |
द्विषत् | द्विष् | pos=va,comp=y,f=part |
बलम् | बल | pos=n,g=n,c=2,n=s |