महाभारतम् — 7.111.1
Original
Segmented
संजय उवाच ते आत्मजान् तु पतितान् दृष्ट्वा कर्णः प्रतापवान् क्रोधेन महता आविष्टः निर्विण्णो ऽभूत् स जीवितात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
आत्मजान् | आत्मज | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तु | तु | pos=i |
पतितान् | पत् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
कर्णः | कर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रतापवान् | प्रतापवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
क्रोधेन | क्रोध | pos=n,g=m,c=3,n=s |
महता | महत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
आविष्टः | आविश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
निर्विण्णो | निर्विण्ण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽभूत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जीवितात् | जीवित | pos=n,g=n,c=5,n=s |