Original

प्रत्युद्गम्याथ विव्याध सात्यकिस्तं शितैः शरैः ।पाण्डवप्रियकामार्थं शार्दूल इव कुञ्जरम् ॥ ३८ ॥

Segmented

पाण्डव-प्रिय-काम-अर्थम् शार्दूल इव कुञ्जरम्

Analysis

Word Lemma Parse
पाण्डव पाण्डव pos=n,comp=y
प्रिय प्रिय pos=a,comp=y
काम काम pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
शार्दूल शार्दूल pos=n,g=m,c=1,n=s
इव इव pos=i
कुञ्जरम् कुञ्जर pos=n,g=m,c=2,n=s