Original

पश्य वीर यथा ह्येष फल्गुनस्य सुतो बली ।मायावी विप्रियं घोरमकार्षीन्मे बलक्षयम् ॥ ४६ ॥

Segmented

पश्य वीर यथा हि एष फल्गुनस्य सुतो बली मायावी विप्रियम् घोरम् अकार्षीत् मे बल-क्षयम्

Analysis

Word Lemma Parse
पश्य पश् pos=v,p=2,n=s,l=lot
वीर वीर pos=n,g=m,c=8,n=s
यथा यथा pos=i
हि हि pos=i
एष एतद् pos=n,g=m,c=1,n=s
फल्गुनस्य फल्गुन pos=n,g=m,c=6,n=s
सुतो सुत pos=n,g=m,c=1,n=s
बली बलिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
मायावी मायाविन् pos=a,g=m,c=1,n=s
विप्रियम् विप्रिय pos=a,g=m,c=2,n=s
घोरम् घोर pos=a,g=m,c=2,n=s
अकार्षीत् कृ pos=v,p=3,n=s,l=lun
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
बल बल pos=n,comp=y
क्षयम् क्षय pos=n,g=m,c=2,n=s