Original

कर्ण उवाच ।न विप्रियं करिष्यामि धार्तराष्ट्रस्य केशव ।त्यक्तप्राणं हि मां विद्धि दुर्योधनहितैषिणम् ॥ ८७ ॥

Segmented

कर्ण उवाच न विप्रियम् करिष्यामि धार्तराष्ट्रस्य केशव त्यक्त-प्राणम् हि माम् विद्धि दुर्योधन-हित-एषिनम्

Analysis

Word Lemma Parse
कर्ण कर्ण pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i
विप्रियम् विप्रिय pos=n,g=n,c=2,n=s
करिष्यामि कृ pos=v,p=1,n=s,l=lrt
धार्तराष्ट्रस्य धार्तराष्ट्र pos=n,g=m,c=6,n=s
केशव केशव pos=n,g=m,c=8,n=s
त्यक्त त्यज् pos=va,comp=y,f=part
प्राणम् प्राण pos=n,g=m,c=2,n=s
हि हि pos=i
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
विद्धि विद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
दुर्योधन दुर्योधन pos=n,comp=y
हित हित pos=n,comp=y
एषिनम् एषिन् pos=a,g=m,c=2,n=s