महाभारतम् — 6.41.40
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच कथम् जयेयम् संग्रामे भवन्तम् अपराजितम् एतत् मे मन्त्रय हितम् यदि श्रेयः प्रपश्यसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कथम् | कथम् | pos=i |
जयेयम् | जि | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
संग्रामे | संग्राम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भवन्तम् | भवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अपराजितम् | अपराजित | pos=a,g=m,c=2,n=s |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
मन्त्रय | मन्त्रय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
हितम् | हित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
यदि | यदि | pos=i |
श्रेयः | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रपश्यसि | प्रपश् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |