महाभारतम् — 5.91.22
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच इति एवम् उक्त्वा वचनम् वृष्णीनाम् ऋषभः तदा शयने सुख-संस्पर्शे शिश्ये यदु-सुख-आवहः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
इति | इति | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वृष्णीनाम् | वृष्णि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
ऋषभः | ऋषभ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
शयने | शयन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
सुख | सुख | pos=n,comp=y |
संस्पर्शे | संस्पर्श | pos=n,g=n,c=7,n=s |
शिश्ये | शी | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यदु | यदु | pos=n,comp=y |
सुख | सुख | pos=n,comp=y |
आवहः | आवह | pos=a,g=m,c=1,n=s |