महाभारतम् — 5.86.15
Original
Segmented
अत्र उपायम् यथा सम्यङ् न बुध्येत जनार्दनः न च अपायः भवेत् कश्चित् तद् भवान् प्रब्रवीतु मे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अत्र | अत्र | pos=i |
| उपायम् | उपाय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| सम्यङ् | सम्यक् | pos=i |
| न | न | pos=i |
| बुध्येत | बुध् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| जनार्दनः | जनार्दन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| अपायः | अपाय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| कश्चित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्रब्रवीतु | प्रब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=4,n=s |