Original

दुःशासनभुजं श्यामं संछिन्नं पांसुगुण्ठितम् ।यद्यहं तं न पश्यामि का शान्तिर्हृदयस्य मे ॥ ३९ ॥

Segmented

दुःशासन-भुजम् श्यामम् संछिन्नम् पांसु-गुण्ठितम् यदि अहम् तम् न पश्यामि का शान्तिः हृदयस्य मे

Analysis

Word Lemma Parse
दुःशासन दुःशासन pos=n,comp=y
भुजम् भुज pos=n,g=m,c=2,n=s
श्यामम् श्याम pos=a,g=m,c=2,n=s
संछिन्नम् संछिद् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
पांसु पांसु pos=n,comp=y
गुण्ठितम् गुण्ठय् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
यदि यदि pos=i
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
पश्यामि दृश् pos=v,p=1,n=s,l=lat
का pos=n,g=f,c=1,n=s
शान्तिः शान्ति pos=n,g=f,c=1,n=s
हृदयस्य हृदय pos=n,g=n,c=6,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s