महाभारतम् — 5.66.2
Original
Segmented
द्याम् अन्तरम् समास्थाय यथा युक्तम् मनस्विनः चक्रम् तद् वासुदेवस्य मायया वर्तते विभो
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
द्याम् | दिव् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अन्तरम् | अन्तर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
समास्थाय | समास्था | pos=vi |
यथा | यथा | pos=i |
युक्तम् | युक्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
मनस्विनः | मनस्विन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
चक्रम् | चक्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
वासुदेवस्य | वासुदेव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मायया | माया | pos=n,g=f,c=3,n=s |
वर्तते | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विभो | विभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |