महाभारतम् — 5.62.18
Original
Segmented
ये ऽर्थम् संततम् आसाद्य दीना इव समासते श्रियम् ते सम्प्रयच्छन्ति द्विषद्भ्यो भरत-ऋषभ
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ऽर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| संततम् | संततम् | pos=i |
| आसाद्य | आसादय् | pos=vi |
| दीना | दीन | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| समासते | समास् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सम्प्रयच्छन्ति | सम्प्रयम् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| द्विषद्भ्यो | द्विष् | pos=va,g=m,c=4,n=p,f=part |
| भरत | भरत | pos=n,comp=y |
| ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |