महाभारतम् — 5.6.17
Original
Segmented
स भवान् पुष्य-योगेन मुहूर्तेन जयेन च कौरवेयान् प्रयातु आशु कौन्तेयस्य अर्थ-सिद्धये
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पुष्य | पुष्य | pos=n,comp=y |
| योगेन | योग | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| मुहूर्तेन | मुहूर्त | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| जयेन | जय | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| कौरवेयान् | कौरवेय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| प्रयातु | प्रया | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| आशु | आशु | pos=i |
| कौन्तेयस्य | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| सिद्धये | सिद्धि | pos=n,g=f,c=4,n=s |