महाभारतम् — 5.6.10
Original
Segmented
अमात्येषु च भिन्नेषु योधेषु विमुखेषु च पुनः एकाग्र-करणम् तेषाम् कर्म भविष्यति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अमात्येषु | अमात्य | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |
| भिन्नेषु | भिद् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| योधेषु | योध | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| विमुखेषु | विमुख | pos=a,g=m,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| एकाग्र | एकाग्र | pos=a,comp=y |
| करणम् | करण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |