महाभारतम् — 5.45.17
Original
Segmented
न दर्शने तिष्ठति रूपम् अस्य पश्यन्ति च एनम् सु विशुद्ध-सत्त्वाः हितो मनीषी मनसा अभिपश्येत् ये तम् श्रयेयुः अमृताः ते भवन्ति योगिनः तम् प्रपश्यन्ति भगवन्तम् सनातनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
दर्शने | दर्शन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तिष्ठति | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
रूपम् | रूप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पश्यन्ति | दृश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
च | च | pos=i |
एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सु | सु | pos=i |
विशुद्ध | विशुध् | pos=va,comp=y,f=part |
सत्त्वाः | सत्त्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हितो | हित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
मनीषी | मनीषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अभिपश्येत् | अभिपश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
श्रयेयुः | श्रि | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
अमृताः | अमृत | pos=a,g=m,c=1,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
योगिनः | योगिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रपश्यन्ति | प्रपश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
भगवन्तम् | भगवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
सनातनम् | सनातन | pos=a,g=m,c=2,n=s |