महाभारतम् — 5.45.16
Original
Segmented
यः सहस्रम् सहस्राणाम् पक्षान् संतत्य संपतेत् मध्यमे मध्य आगच्छेद् अपि चेत् स्यात् मनोजवः योगिनः तम् प्रपश्यन्ति भगवन्तम् सनातनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सहस्रम् | सहस्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
सहस्राणाम् | सहस्र | pos=n,g=n,c=6,n=p |
पक्षान् | पक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
संतत्य | संतन् | pos=vi |
संपतेत् | सम्पत् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
मध्यमे | मध्यम | pos=a,g=n,c=7,n=s |
मध्य | मध्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
आगच्छेद् | आगम् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अपि | अपि | pos=i |
चेत् | चेद् | pos=i |
स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
मनोजवः | मनोजव | pos=a,g=m,c=1,n=s |
योगिनः | योगिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रपश्यन्ति | प्रपश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
भगवन्तम् | भगवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
सनातनम् | सनातन | pos=a,g=m,c=2,n=s |