महाभारतम् — 5.39.52
Original
Segmented
अधर्म-उपार्जितैः अर्थैः यः करोति और्ध्वदेहिकम् न स तस्य फलम् प्रेत्य भुङ्क्ते ऽर्थस्य दुरागमात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अधर्म | अधर्म | pos=n,comp=y |
उपार्जितैः | उपार्जय् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
अर्थैः | अर्थ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
और्ध्वदेहिकम् | और्ध्वदेहिक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रेत्य | प्रे | pos=vi |
भुङ्क्ते | भुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ऽर्थस्य | अर्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
दुरागमात् | दुरागम | pos=n,g=m,c=5,n=s |