Original

नातः श्रीमत्तरं किंचिदन्यत्पथ्यतमं तथा ।प्रभविष्णोर्यथा तात क्षमा सर्वत्र सर्वदा ॥ ४५ ॥

Segmented

न अतस् श्रीमत्तरम् किंचिद् अन्यत् पथ्यतमम् तथा प्रभविष्णोः यथा तात क्षमा सर्वत्र सर्वदा

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
अतस् अतस् pos=i
श्रीमत्तरम् श्रीमत्तर pos=a,g=n,c=1,n=s
किंचिद् कश्चित् pos=n,g=n,c=1,n=s
अन्यत् अन्य pos=n,g=n,c=1,n=s
पथ्यतमम् पथ्यतम pos=a,g=n,c=1,n=s
तथा तथा pos=i
प्रभविष्णोः प्रभविष्णु pos=a,g=m,c=6,n=s
यथा यथा pos=i
तात तात pos=n,g=m,c=8,n=s
क्षमा क्षमा pos=n,g=f,c=1,n=s
सर्वत्र सर्वत्र pos=i
सर्वदा सर्वदा pos=i