महाभारतम् — 5.39.18
Original
Segmented
किम् पुनः गुणवन्तः ते त्वद्-प्रसाद-अभिकाङ्क्षिन् प्रसादम् कुरु दीनानाम् पाण्डवानाम् विशाम् पते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
किम् | किम् | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
गुणवन्तः | गुणवत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
प्रसाद | प्रसाद | pos=n,comp=y |
अभिकाङ्क्षिन् | अभिकाङ्क्षिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
प्रसादम् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कुरु | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
दीनानाम् | दीन | pos=a,g=m,c=6,n=p |
पाण्डवानाम् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
विशाम् | विश् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
पते | पति | pos=n,g=m,c=8,n=s |