महाभारतम् — 5.33.89
Original
Segmented
अनर्थकम् विप्रवासम् गृहेभ्यः पापैः संधिम् पर-दार-अभिमर्शम् दम्भम् स्तैन्यम् पैशुनम् मद्य-पानम् न सेवते यः स सुखी सदा एव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अनर्थकम् | अनर्थक | pos=a,g=m,c=2,n=s |
विप्रवासम् | विप्रवास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गृहेभ्यः | गृह | pos=n,g=n,c=5,n=p |
पापैः | पाप | pos=n,g=n,c=3,n=p |
संधिम् | संधि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पर | पर | pos=n,comp=y |
दार | दार | pos=n,comp=y |
अभिमर्शम् | अभिमर्श | pos=n,g=m,c=2,n=s |
दम्भम् | दम्भ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स्तैन्यम् | स्तैन्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पैशुनम् | पैशुन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मद्य | मद्य | pos=n,comp=y |
पानम् | पान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
सेवते | सेव् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सुखी | सुखिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
एव | एव | pos=i |