Original

चत्वारि ते तात गृहे वसन्तु श्रियाभिजुष्टस्य गृहस्थधर्मे ।वृद्धो ज्ञातिरवसन्नः कुलीनः सखा दरिद्रो भगिनी चानपत्या ॥ ५९ ॥

Segmented

चत्वारि ते तात गृहे वसन्तु श्रिया अभिजुष्टस्य गृहस्थ-धर्मे वृद्धो ज्ञातिः अवसन्नः कुलीनः सखा दरिद्रो भगिनी च अनपत्या

Analysis

Word Lemma Parse
चत्वारि चतुर् pos=n,g=n,c=1,n=p
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
तात तात pos=n,g=m,c=8,n=s
गृहे गृह pos=n,g=n,c=7,n=s
वसन्तु वस् pos=v,p=3,n=p,l=lot
श्रिया श्री pos=n,g=f,c=3,n=s
अभिजुष्टस्य अभिजुष् pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part
गृहस्थ गृहस्थ pos=n,comp=y
धर्मे धर्म pos=n,g=m,c=7,n=s
वृद्धो वृद्ध pos=a,g=m,c=1,n=s
ज्ञातिः ज्ञाति pos=n,g=m,c=1,n=s
अवसन्नः अवसद् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
कुलीनः कुलीन pos=a,g=m,c=1,n=s
सखा सखि pos=n,g=,c=1,n=s
दरिद्रो दरिद्र pos=a,g=m,c=1,n=s
भगिनी भगिनी pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
अनपत्या अनपत्य pos=a,g=f,c=1,n=s