महाभारतम् — 5.33.100
Original
Segmented
चिकीर्षितम् विप्रकृतम् च यस्य न अन्ये जनाः कर्म जानन्ति किंचित् मन्त्रे गुप्ते सम्यग् अनुष्ठिते च सु अल्पः न अस्य व्यथते कश्चिद् अर्थः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
चिकीर्षितम् | चिकीर्ष् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
विप्रकृतम् | विप्रकृ | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
अन्ये | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
जनाः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=p |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
जानन्ति | ज्ञा | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मन्त्रे | मन्त्र | pos=n,g=m,c=7,n=s |
गुप्ते | गुप् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
सम्यग् | सम्यक् | pos=i |
अनुष्ठिते | अनुष्ठा | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
सु | सु | pos=i |
अल्पः | अल्प | pos=a,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
व्यथते | व्यथ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अर्थः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |