महाभारतम् — 5.27.25
Original
Segmented
कृपः शल्यः सौमदत्तिः विकर्णो विविंशतिः कर्ण-दुर्योधनौ च एतान् हत्वा कीदृशम् तत् सुखम् स्याद् यद् विन्देथाः तत् अनुब्रूहि पार्थ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृपः | कृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शल्यः | शल्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सौमदत्तिः | सौमदत्ति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विकर्णो | विकर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विविंशतिः | विविंशति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कर्ण | कर्ण | pos=n,comp=y |
दुर्योधनौ | दुर्योधन | pos=n,g=m,c=1,n=d |
च | च | pos=i |
एतान् | एतद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
हत्वा | हन् | pos=vi |
कीदृशम् | कीदृश | pos=a,g=n,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विन्देथाः | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अनुब्रूहि | अनुब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |