Original

एवंरूपं कर्मफलं नरेन्द्र मात्रावता हृदयस्य प्रियेण ।स क्रोधजं पाण्डव हर्षजं च लोकावुभौ मा प्रहासीश्चिराय ॥ १४ ॥

Segmented

एवंरूपम् कर्म-फलम् नरेन्द्र मात्रावता हृदयस्य प्रियेण स क्रोध-जम् पाण्डव हर्ष-जम् च लोकौ उभौ मा प्रहासीः चिराय

Analysis

Word Lemma Parse
एवंरूपम् एवंरूप pos=a,g=n,c=1,n=s
कर्म कर्मन् pos=n,comp=y
फलम् फल pos=n,g=n,c=1,n=s
नरेन्द्र नरेन्द्र pos=n,g=m,c=8,n=s
मात्रावता मात्रावत् pos=a,g=m,c=3,n=s
हृदयस्य हृदय pos=n,g=n,c=6,n=s
प्रियेण प्रिय pos=a,g=m,c=3,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
क्रोध क्रोध pos=n,comp=y
जम् pos=a,g=m,c=2,n=s
पाण्डव पाण्डव pos=n,g=m,c=8,n=s
हर्ष हर्ष pos=n,comp=y
जम् pos=a,g=m,c=2,n=s
pos=i
लोकौ लोक pos=n,g=m,c=2,n=d
उभौ उभ् pos=n,g=m,c=2,n=d
मा मा pos=i
प्रहासीः प्रहा pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug
चिराय चिराय pos=i