महाभारतम् — 5.2.11
Original
Segmented
स दीव्यमानः प्रतिदेवनेन अक्षेषु नित्यम् सु पराङ्मुखेषु संरम्भमाणो विजितः प्रसह्य तत्र अपराधः शकुनेः न कश्चित्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दीव्यमानः | दीव् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रतिदेवनेन | प्रतिदेवन | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अक्षेषु | अक्ष | pos=n,g=m,c=7,n=p |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
सु | सु | pos=i |
पराङ्मुखेषु | पराङ्मुख | pos=a,g=m,c=7,n=p |
संरम्भमाणो | संरभ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
विजितः | विजि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रसह्य | प्रसह् | pos=vi |
तत्र | तत्र | pos=i |
अपराधः | अपराध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शकुनेः | शकुनि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
कश्चित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |