Original

तत्प्रविश्य शिखण्डी सा द्रुपदस्यात्मजा नृप ।अनश्नती बहुतिथं शरीरमुपशोषयत् ॥ २२ ॥

Segmented

तत् प्रविश्य शिखण्डी सा द्रुपदस्य आत्मजा नृप अन् अः बहुतिथम् शरीरम् उपशोषयत्

Analysis

Word Lemma Parse
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
प्रविश्य प्रविश् pos=vi
शिखण्डी शिखण्डिन् pos=n,g=m,c=1,n=s
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
द्रुपदस्य द्रुपद pos=n,g=m,c=6,n=s
आत्मजा आत्मजा pos=n,g=f,c=1,n=s
नृप नृप pos=n,g=m,c=8,n=s
अन् अन् pos=i
अः अश् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
बहुतिथम् बहुतिथ pos=a,g=n,c=2,n=s
शरीरम् शरीर pos=n,g=n,c=2,n=s
उपशोषयत् उपशोषय् pos=v,p=3,n=s,l=lan