Original

ते मां सप्रणयं वाक्यमब्रुवन्समरे स्थितम् ।प्रैहि रामं महाबाहो गुरुं लोकहितं कुरु ॥ ३२ ॥

Segmented

ते माम् स प्रणयम् वाक्यम् अब्रुवन् समरे स्थितम् प्रैहि रामम् महा-बाहो गुरुम् लोक-हितम् कुरु

Analysis

Word Lemma Parse
ते तद् pos=n,g=m,c=1,n=p
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
pos=i
प्रणयम् प्रणय pos=n,g=n,c=2,n=s
वाक्यम् वाक्य pos=n,g=n,c=2,n=s
अब्रुवन् ब्रू pos=v,p=3,n=p,l=lan
समरे समर pos=n,g=n,c=7,n=s
स्थितम् स्था pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
प्रैहि प्रे pos=v,p=2,n=s,l=lot
रामम् राम pos=n,g=m,c=2,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
बाहो बाहु pos=n,g=m,c=8,n=s
गुरुम् गुरु pos=n,g=m,c=2,n=s
लोक लोक pos=n,comp=y
हितम् हित pos=n,g=n,c=2,n=s
कुरु कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot