Original

नावनीतं हि हृदयं विप्राणां शाम्य भार्गव ।राम राम निवर्तस्व युद्धादस्माद्द्विजोत्तम ।अवध्यो हि त्वया भीष्मस्त्वं च भीष्मस्य भार्गव ॥ २९ ॥

Segmented

न अवनीतम् हि हृदयम् विप्राणाम् शाम्य भार्गव राम राम निवर्तस्व युद्धाद् अस्माद् द्विजोत्तम अवध्यो हि त्वया भीष्मः त्वम् च भीष्मस्य भार्गव

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
अवनीतम् अवनी pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
हि हि pos=i
हृदयम् हृदय pos=n,g=n,c=1,n=s
विप्राणाम् विप्र pos=n,g=m,c=6,n=p
शाम्य शम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
भार्गव भार्गव pos=n,g=m,c=8,n=s
राम राम pos=n,g=m,c=8,n=s
राम राम pos=n,g=m,c=8,n=s
निवर्तस्व निवृत् pos=v,p=2,n=s,l=lot
युद्धाद् युद्ध pos=n,g=n,c=5,n=s
अस्माद् इदम् pos=n,g=n,c=5,n=s
द्विजोत्तम द्विजोत्तम pos=n,g=m,c=8,n=s
अवध्यो अवध्य pos=a,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
भीष्मः भीष्म pos=n,g=m,c=1,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
pos=i
भीष्मस्य भीष्म pos=n,g=m,c=6,n=s
भार्गव भार्गव pos=n,g=m,c=8,n=s