महाभारतम् — 5.17.7
Original
Segmented
अगस्त्य उवाच शृणु शक्र प्रियम् वाक्यम् यथा राजा दुरात्मवान् स्वर्गाद् भ्रष्टो दुराचारो नहुषो बल-दर्पितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अगस्त्य | अगस्त्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
शक्र | शक्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दुरात्मवान् | दुरात्मवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स्वर्गाद् | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
भ्रष्टो | भ्रंश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
दुराचारो | दुराचार | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नहुषो | नहुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
बल | बल | pos=n,comp=y |
दर्पितः | दर्पय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |