महाभारतम् — 5.16.15
Original
Segmented
शतक्रतो विवर्धस्व सर्वाञ् शत्रून् निषूदय उत्तिष्ठ वज्रिन् संपश्य देवर्षि च समागतान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शतक्रतो | शतक्रतु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| विवर्धस्व | विवृध् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| सर्वाञ् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| शत्रून् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| निषूदय | निषूदय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| उत्तिष्ठ | उत्था | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| वज्रिन् | वज्रिन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| संपश्य | संपश् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| देवर्षि | देवर्षि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| समागतान् | समागम् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |