महाभारतम् — 5.147.25
Original
Segmented
हीन-अङ्गम् पृथिवीपालम् न अभिनन्दन्ति देवताः इति कृत्वा नृप-श्रेष्ठम् प्रत्यषेधन् द्विजर्षभाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| हीन | हा | pos=va,comp=y,f=part |
| अङ्गम् | अङ्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पृथिवीपालम् | पृथिवीपाल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| अभिनन्दन्ति | अभिनन्द् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| देवताः | देवता | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| इति | इति | pos=i |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| नृप | नृप | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठम् | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| प्रत्यषेधन् | प्रतिषिध् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| द्विजर्षभाः | द्विजर्षभ | pos=n,g=m,c=1,n=p |