Original

संभाष्य सुचिरं कालं मन्त्रयित्वा पुनः पुनः ।स्वमेवावसथं शौरिर्विश्रामार्थं जगाम ह ॥ २ ॥

Segmented

सम्भाष्य सु चिरम् कालम् मन्त्रयित्वा पुनः पुनः स्वम् एव आवसथम् शौरिः विश्राम-अर्थम् जगाम ह

Analysis

Word Lemma Parse
सम्भाष्य सम्भाष् pos=vi
सु सु pos=i
चिरम् चिर pos=a,g=m,c=2,n=s
कालम् काल pos=n,g=m,c=2,n=s
मन्त्रयित्वा मन्त्रय् pos=vi
पुनः पुनर् pos=i
पुनः पुनर् pos=i
स्वम् स्व pos=a,g=m,c=2,n=s
एव एव pos=i
आवसथम् आवसथ pos=n,g=m,c=2,n=s
शौरिः शौरि pos=n,g=m,c=1,n=s
विश्राम विश्राम pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
जगाम गम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i