महाभारतम् — 5.139.54
Original
Segmented
तद् अत्र पुण्डरीकाक्ष विधत्स्व यद् अभीप्सितम् यथा कार्त्स्न्येन वार्ष्णेय क्षत्रम् स्वर्गम् अवाप्नुयात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अत्र | अत्र | pos=i |
पुण्डरीकाक्ष | पुण्डरीकाक्ष | pos=n,g=m,c=8,n=s |
विधत्स्व | विधा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अभीप्सितम् | अभीप्स् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
यथा | यथा | pos=i |
कार्त्स्न्येन | कार्त्स्न्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
वार्ष्णेय | वार्ष्णेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
क्षत्रम् | क्षत्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स्वर्गम् | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अवाप्नुयात् | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |