Original

न चैते तव पर्याप्ता ज्ञाने धर्मार्थयोस्तथा ।विक्रमे चाप्यपर्याप्ताः पाण्डवान्प्रति भारत ॥ ४५ ॥

Segmented

न च एते तव पर्याप्ता ज्ञाने धर्म-अर्थयोः तथा विक्रमे च अपि अपर्याप्ताः पाण्डवान् प्रति भारत

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
pos=i
एते एतद् pos=n,g=m,c=1,n=p
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
पर्याप्ता पर्याप् pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
ज्ञाने ज्ञान pos=n,g=n,c=7,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
अर्थयोः अर्थ pos=n,g=m,c=7,n=d
तथा तथा pos=i
विक्रमे विक्रम pos=n,g=m,c=7,n=s
pos=i
अपि अपि pos=i
अपर्याप्ताः अपर्याप्त pos=a,g=m,c=1,n=p
पाण्डवान् पाण्डव pos=n,g=m,c=2,n=p
प्रति प्रति pos=i
भारत भारत pos=n,g=m,c=8,n=s