महाभारतम् — 5.121.13
Original
Segmented
पितामह उवाच बहु-वर्ष-सहस्र-अन्तम् प्रजा-पालन-वर्धितम् अनेक-क्रतु-दान-ओघैः यत् त्वया उपार्जितम् फलम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पितामह | पितामह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
वर्ष | वर्ष | pos=n,comp=y |
सहस्र | सहस्र | pos=n,comp=y |
अन्तम् | अन्त | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्रजा | प्रजा | pos=n,comp=y |
पालन | पालन | pos=n,comp=y |
वर्धितम् | वर्धय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
अनेक | अनेक | pos=a,comp=y |
क्रतु | क्रतु | pos=n,comp=y |
दान | दान | pos=n,comp=y |
ओघैः | ओघ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
यत् | यत् | pos=i |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
उपार्जितम् | उपार्जय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |