महाभारतम् — 4.56.8
Original
Segmented
असंभ्रान्तो रथे तिष्ठ समेषु विषमेषु च दिवम् आवृत्य तिष्ठन्तम् गिरिम् भेत्स्यामि धारिभिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
असंभ्रान्तो | असम्भ्रान्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
रथे | रथ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तिष्ठ | स्था | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
समेषु | सम | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विषमेषु | विषम | pos=a,g=m,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
दिवम् | दिव् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आवृत्य | आवृ | pos=vi |
तिष्ठन्तम् | स्था | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
गिरिम् | गिरि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भेत्स्यामि | भिद् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
धारिभिः | धारिन् | pos=a,g=m,c=3,n=p |