महाभारतम् — 4.47.11
Original
Segmented
प्रतियुध्याम समरे सर्व-शस्त्रभृताम् वरम् तस्माद् यद् अत्र कल्याणम् लोके सद्भिः अनुष्ठितम् तत् संविधीयताम् क्षिप्रम् मा नो हि अर्थः ऽतिगात् परान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रतियुध्याम | प्रतियुध् | pos=v,p=1,n=p,l=lot |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
शस्त्रभृताम् | शस्त्रभृत् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
वरम् | वर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अत्र | अत्र | pos=i |
कल्याणम् | कल्याण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
सद्भिः | सत् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
अनुष्ठितम् | अनुष्ठा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
संविधीयताम् | संविधा | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
मा | मा | pos=i |
नो | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
हि | हि | pos=i |
अर्थः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽतिगात् | अतिगा | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
परान् | पर | pos=n,g=m,c=2,n=p |